विश्वास

एक उपहार
हर वर्ष लाता था
जाड़ा बाबा.
अच्छा लगता था मुझे
तुम भी मुस्कुराती मुझे देख
कहती खुश है वह मुझसे.

पर माँ,
उसमें विश्वास न था मुझे,
तुममें था

टिप्पणियाँ

Admin ने कहा…
बहुत अच्छा । बहुत सुंदर प्रयास है। जारी रखिये ।


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