तत् सवितुर्वरेण्यम

हे सूर्य
यहाँ, मेरे कमरे में आओ
कुछ गहरा है अँधेरा यहाँ.
जम के बैठ गया है यहीं
बर्फवाला मौसम.

चारों ओर
बर्फ के शीशों में
दीखते हैं
विकृत प्रतिबिम्ब
सम्पाति के परों के.
(जाने कहाँ है वह)

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