स्विच

वह रहा मैं,
उसने वादे किए,
बालों को रहने दिया
अपनी-अपनी खालों में,
और भर दी मेरी जगह.

खुश भी है बहुत वह
वादों में दम है
प्यार सच्चा है.

पर
हम दोनों ही
जानते नहीं हैं
कहाँ है स्विच.


ok, lets see, starting today i am planning to write one "poem" each day.

टिप्पणियाँ

pranalism ने कहा…
its good...
so where are the other poems?
strating since that day?
I got only one
Luv ने कहा…
yaar, they are here on the site...today is the forth day!

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