भूत
भूत,
हर एक को सुला दिया.
पर फिर भी
हर रात नींद टूट जाती है
अवचेतन में बैठे भूतों को
सुला पाना इतना आसान कहाँ?
"ऊंचा" उठो
या "गहरा" उतरो
दोनों हैं एक समान
इस अनंत खाई में.
सदैव कैद त्रिशंकु के स्वर्ग में.
कैद.
कैद?
खुद का रचा स्वर्ग,
(स्वांग?)
मन बहलाने के लिए,
फिर कैद कैसी?
कौन है पहरे पर?
भूत भगाने की धुन में
जाने कब यह भूत चढ़ गया.
गांजे की लत जैसा
हर एक को सुला दिया.
पर फिर भी
हर रात नींद टूट जाती है
अवचेतन में बैठे भूतों को
सुला पाना इतना आसान कहाँ?
"ऊंचा" उठो
या "गहरा" उतरो
दोनों हैं एक समान
इस अनंत खाई में.
सदैव कैद त्रिशंकु के स्वर्ग में.
कैद.
कैद?
खुद का रचा स्वर्ग,
(स्वांग?)
मन बहलाने के लिए,
फिर कैद कैसी?
कौन है पहरे पर?
भूत भगाने की धुन में
जाने कब यह भूत चढ़ गया.
गांजे की लत जैसा
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