गोडॉट

थक गया हूँ
इंतज़ार करते करते,
अब और नहीं रुका जाता यहाँ.
गोडॉट अब नहीं आएगा.

कविताओं की एक किताब,
कुछ जोड़ी कपडे,
टूथ ब्रश, जुराबें,
सब तैयार हैं
एक बैग में बंद.

पर,
जाऊं कहाँ?
कोई जगह नहीं ऐसी
जहाँ जा कर रुक पाऊं
अब.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

तेरे कैनवस दे उत्ते

Fatal Familial Insomnia

विजय ऐसी छानिये...