विदूषक
दुनिया का रंगमंच
और एक अकेला दर्शक.
मैं.
ऐसा नहीं चाहा था मैंने.
बड़े अद्भुत कलाकार हैं,
एक-दूसरे से अनभिज्ञ
एक-पात्र का स्वांग रचते.
नेपथ्य में-
कुछ सुलग रहा है.
चिल्लाना चाह रहा हूँ मैं,
इतने वर्षों बाद.
कोशिश भी की,
पर सब हँस पड़े,
खुद पर ध्यान गया तो
काफ्का का ग्रेगोर* बन चुका था!
*"One morning, as Gregor Samsa was waking up from anxious dreams, he discovered that in bed he had been changed into a monstrous verminous bug. "
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