बरसात की एक रात
छाता लिए बारिश में गई. पर तेज़ हवाएं. कोई ख़ास फ़ायदा न था, छाते का. तेज़ हवाएं थी. उलट गया छाता. कुछ तीलियाँ भी टूट गई, अब अगली बारिश में भी इसका कोई फ़ायदा न होगा. घर आते, सीढियां चढ़ते वक़्त, पाँव फिसला और खोपडी बचाने में हाथ भी टूट गया. हाय! ***All rights of the image reserved.