ज़ंग


तुम
मेरी ज़िन्दगी में आए,
मुझे लगा-
तुम्हारे साथ उड़ पाऊँगी,
पर तुम उड़ गए अकेले!
मैं रह गई- हाथ फैलाए
ऊपर, तुम्हारी ओर,
देखती रही
तुम्हे दूर जाते...

....................................

तुम्हें
देख कर लगा मुझे
मुझ जैसी ही हो,
एक दिन उड़ सकोगी मेरे साथ,
समझ सकोगी मेरा दर्द.

पर
पास आकर जाना-
तुमतो मेरा हाथ थामे
उड़ना चाहती हो,
ख़ुद के पंखों पर
भरोसा करना ही नहीं चाहती.

कल मैं ना रहूँ तो
मुझे कोसोगी-
बीच उड़ान में छोड़ गए,
अब क्या करूँ!

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कल मैं ना रहूँ तो
मुझे कोसोगी-
बीच उड़ान में छोड़ गए,
अब क्या करूँ!

***FANTASTIC ***F***FANTASTIC


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